1

Indicators on shiv chalisa You Should Know

News Discuss 
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । कृष्ण और शिकारी, संत की कथा - प्रभु भक्त अधीन दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ मुण्डमाल तन https://hindubhajan.in/aigiri-nandini/

Comments

    No HTML

    HTML is disabled


Who Upvoted this Story