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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे हफ़ीज़ जालंधरी टैग : दोस्त शेयर कीजिए खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन? मुझे लोगों ने बुलाया मुझे छू कर देखा…” आंखों से दूर हूँ, मोबाइल से https://youtu.be/Lug0ffByUck

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