इसके बाद सर पर जालीदार टोपी धारण कर एकांत वाले कमरे में नमाज पढ़ने की अवस्था में बैठ जाए. सवा सम्मोहन के अभ्यास के द्वारा व्यक्तित्व विकास भी किया जा सकता है. ये स्वरूप एक माता, प्रिया प्रेमिका या पत्नी का हो सकता है. सुरसुन्दरी यक्षिणी : धन और दीर्घायु https://griffinfwkap.tusblogos.com/32461131/how-to-do-vashikaran-kaise-hota-hai-fundamentals-explained